चाम्पाछत्तीसगढ़

27 साल बाद चांपा और भी बदतर हालत में हो गई है,इस चुनाव से सूरत बदलेगी चांपा की मैदान हो या घाट सबका है अकाल…

चांपा जांजगीर 4 फरवरी 2025

वर्ष 1998 में जांजगीर चांपा जिला बना तबसे आज तक चांपा की स्थिति गिरती चली गई। न तो कोई नेता न जनप्रतिनिधि इस पर बात करते न ही ध्यान देते ।एक खेल मैदान था जिसपर ड्यूज की बाल से मैच होता था लेकिन अब टेनिस बाल में खेलने लायक भी नहीं रह गया । किसी का घर मुख्य मार्ग पर हो तो वो गली से अपना मुख्य द्वार नहीं बनाता किंतु इस मैदान के मुख्य मार्ग को अकारण बंद कर दिया गया है जिसकी मांग चांपा की जनता द्वारा समय समय पर की जाती रही है।

अविरल बहने वाली हसदेव नदी पर बैराज बनाकर उसका दोहन तो किया जा रहा किंतु बैराज के किनारे पिकनिक स्थल पर गिरते हुए पेड़ पौधों के संरक्षण की बात नहीं की जाती । हनुमान धारा पर बहते हुए धार में बहुतों ने स्नान किया होगा लेकिन आज सुख चुका है और उसके पुनर्विकास की ओर ध्यान नहीं दिया जाता ।

इस बार चाहे कोई भी जीते चांपा की जनता इन सबकी उम्मीद उनसे कर रही । दोनों प्रत्याशी एड़ी चोटी का जोर लगा रहे और जनता से अपने लिए समर्थन मांग रहे ।

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