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छत्तीसगढ़ सरकार का लाभकारी निर्णय: रेस्टोरेंट ,ढाबों और भोजनालयों में भी कर सकेंगे शराब बेचकर मोटी कमाई,रिश्वत देने की जरूरत होगी खत्म,बेरोजगार युवाओं को भी रोजगार का मार्ग खुलेगा…

चांपा जांजगीर 14 नवंबर 2024

छत्तीसगढ़ में अब भोजनालय भी मयखाने बन जाएंगे, जहां नाश्ते और खाने के साथ शराब पीने का इंतजाम रहेगा। राज्य सरकार के आबकारी विभाग ने पहली बार ऐसे रेस्टारेंट को जहां आगंतुकों के ठहरने के लिए आवास की व्यवस्था न हो, वहां भी शराब बेचने का लाइसेंस जारी करने का फैसला किया है। ऐसा करने के लिए छत्तीसगढ़ विदेशी मदिरा नियम 1966 में बदलाव किया गया है।

अब से पहले तक राज्य में ऐसे रेस्टारेंट में ही शराब परोसने का लाइसेंस दिया जाता था, जहां लोगों के रुकने का भी इंतजाम होता था, लेकिन अब ऐसे होटल जहां केवल भोजन की व्यवस्था होती है, वहां भी ग्राहकों को शराब पिलाने का लाइसेंस दिया जाएगा। उल्लेखनीय है कि हाल ही में राज्य सरकार ने रायपुर के स्वामी विवेकानंद एयरपोर्ट पर भी शराब पिलाने और बेचने का लाइसेंस देने की तैयारी की है।

20 प्रतिशत अधिक दर से होगी बिक्री

विदेशी मदिरा स्प्रिट एवं माल्ट के लिए निर्धारित फुटकर विक्रय दर से न्यूनतम 20 प्रतिशत अधिक दर पर पर अनुज्ञप्त परिसर में बेची जा सकेगी। इस प्रकार लाइसेंसधारी को मदिरा की खुली बोतलों को फुटकर विक्रय के लिए विक्रय दर इस तरह तय करनी होगी, जो विदेशी विदेशी मदिरा की फुटकर दुकानों से विक्रय की जाने वाली मदिरा की फुटकर विक्रय दर से कम से कम 20 प्रतिशत अधिक हो।

भोजनालय में होगा बाररूम, वहीं पीना होगा

जिस भोजनालय को शराब बेचने का लाइसेंस मिलेगा, वहां विदेशी मदिरा पिलाई जाएगी। रेस्टारेंट बार में आने वाले आगंतुकों को भोजन या नाश्ते के साथ शराब बेची जाएगी। खाने वालों को बेची गई शराब का उपयोग उसी परिसर में ही करना होगा। लाइसेंसधारी को पिलाने के लिए एक बाररूम बनाना होगा। इसके साथ ही एक स्टॉक रूम और शराब परोसने के लिए एक ही कांउटर की व्यवस्था होगी। ऐसे रेस्टारेंट से खुली बोतलों से केवल फुटकर (लूज) शराब की बिक्री की जाएगी।

माल नहीं उठाया तो लगेगा जुर्माना

लाइसेंसधारी को हर माह शराब का तय कोटा उठाना होगा। अगर किसी माह के लिए निर्धारित स्प्रिट या बीयर की न्यूनतम प्रत्याभूत मात्रा लाइसेंस धारी नहीं उठाता है, तो वहां संबंधित जिले का कलेक्टर कम उठाई गई शराब या बीयर की मात्रा पर स्प्रिट प्रति क्वार्ट बोतल पर 730 रुपए एवं माल्ट मदिरा की प्रति क्वार्ट बोतल पर 155 रुपए की दर से शास्ति (जुर्माना) अधिरोपित करेगा, जो वापसी योग्य नहीं होगा।

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