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भारत के सभी बस और ट्रक कंपनियों के वाहनो के प्रेशर और म्यूज़िकल हॉर्न की जांच आवश्यक, तेज हॉर्न का फायदा उठाकर तेज वाहन चलाना और राहगीरों को सड़क छोड़ने पर करते हैं मजबूर, यातायात और परिवहन विभाग को जल्द कार्यवाही की आवश्यकता…

चाम्पा जांजगीर 04 अप्रैल 2024

शहर के भीतर चलने वाले बस तेज हॉर्न बजाकर बाकियों को डरा देते हैं और सड़क से नीचे उतरने तक को मजबूर करते हैं साथ ही साथ तेज हॉर्न का फायदा उठाकर तेज गति से गाड़ी चलाते हैं जिससे एक्सीडेंट का खतरा हमेशा बना रहता है।
भारत में संचालित सभी बस कंपनियों के बसों के हॉर्न की जांच कर उचित कार्यवाही यातायात और परिवहन विभाग को करना चाहिए।
आखिर क्यों म्यूजिकल हॉर्न नहीं लगाए जाते हैं?
इसके दो कारण हैं। पहला तो ये कि अगर आप प्रेशर हॉर्न अपनी गाड़ी में लगवाते हैं तो इससे राह चलते हुए लोगों को परेशानी हो सकती है और गाड़ी चलाते हुए लोग डरकर डिस्ट्रैक्ट हो सकते हैं।
दूसरा कारण ये है कि एम्बुलेंस, फायर ब्रिगेड, 108 नंबर की गाड़ी और पुलिस के वाहन जैसी गाड़ियों में अलग तरह के हॉर्न जरूरी होते हैं जिससे इन्हें दूर से भी पहचाना जा सके। यही कारण है कि इन्हें आप ट्रैफिक के बीच में अलग से भी पहचान लेते हैं।
अगर म्यूजिकल हॉर्न लगाते पकड़े गए तो क्या होगा?
अगर आप म्यूजिकल हॉर्न का इस्तेमाल करते पकड़े गए तो ट्रैफिक नियमों के हिसाब से पहले तो आपका म्यूजिकल हॉर्न निकाला जाएगा और फिर आप पर चालान किया जाएगा जो 1000 से लेकर 10000 के बीच हो सकता है। ये म्यूजिकल हॉर्न लगाना वैसे तो कानूनन अपराध है, लेकिन अधिकतर ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करने वाले लोग इस बात पर ध्यान नहीं देते हैं।

म्यूजिकल हॉर्न लगाने को लेकर कई तरह के नियम हैं जिनका पालन करना जरूरी है और यही कारण है कि पावर हॉर्न भी गाड़ियों में नहीं लगाने दिया जाता है।

गाड़ियों में किस तरह का हॉर्न लगाया जाए और किस तरह का नहीं इसे लेकर आप जानकारी RTO की आधिकारिक वेबसाइट पर देख सकते हैं। ये जरूरी है कि हम ट्रैफिक नियमों का पालन करें।

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