परी+आवरण इन दो शब्दों से मिलकर बना है पर्यावरण , जिसे देखकर मनुष्य को सुख और शांति महसूस होती है उस पर्यावरण में आजकल हो रहा है अतिक्रमण …

चांपा 05 जून 2023
आज कल की दुनिया में जब सभी अपने स्वार्थ के लिए पैसो के पीछे भाग रहे हैं ऐसे समय में जब हमें अपने आसपास जल भूमि चट्टान आदि को देखकर सुख का अनुभव होता है तब हमें मानसिक शांति और सुख का अनुभव होता है। किंतु आज के समय में जलाशयों पर अतिक्रमण किया जा रहा है साथ ही साथ मल मूत्र कचरा डिस्पोजल इत्यादि के द्वारा गंदगी की जा रही है।

राहगीर यात्रा करते हुए जब ऐसे जलाशयों पर रुकते तो उन्हें आनंद मिलता था लेकिन लालच और देखरेख के अभाव में सभी जलाशयों पर अतिक्रमण भारी है।

शहर के कई तालाबों पर मकान साथ ही साथ शौचालय भी बना लिए गए हैं जिससे यहां का पानी दूषित हो चुका है और लोगों को बीमारी का शिकार होना पड़ सकता है।
हमारी प्रकृति और पर्यावरण का संरक्षण और संवर्धन हमारा दायित्व है और जीव जंतु इनपर आश्रित हैं उनका भी हक उन्हें हमारे द्वारा मिलना चाहिए ये भी हमारी ज़िम्मेदारी है।