जांजगीर चांपा

बड़े कबाड़ी पर पुलिस प्रशासन मेहरबान छोटे कबाड़ी परेशान ?जांजगीर नगर पालिका भी पुलिस के दबाव में सोनू राठौर उर्फ मोहर सिंह की आजीविका बंद कर रही…

जांजगीर चांपा 02 जुलाई 2023

जब्त सामग्री वापस देने न्यायालय का पत्र

जांजगीर-चांपा जिले में बड़े-बड़े कबाड़ के मगरमच्छ बैठे हुए हैं उन पर पुलिस प्रशासन मेहरबान है , न तो उन पर कभी कार्यवाही होती है और ना ही उन्हें जिला बदर करने की धमकी दी जाती । सभी को पता है की बड़े कबाड़ी मतलब बड़ी चोरी और बड़ी चोरी मतलब मोटा पैसा। शायद यही कारण है कि पुलिस का संरक्षण उन्हें मिला रहता है और कार्यवाही के नाम पर खानापूर्ति के लिए छोटे कबाड़ वाले को टारगेट किया जाता है।
हर कबाड़ी कोई ना कोई चोरी का सामान अवश्य खरीदता है और पुलिस की सांठगांठ होने से बच निकलता है यदि कार्यवाही करनी है तो सभी कबाड़ी दुकान वालों पर कार्यवाही करते हुए जिले के सभी कबाड़ी दुकानों को बंद किया जाना चाहिए।

न्यायालय में निर्दोष साबित

मोहर सिंह उर्फ सोनू राठौर जांजगीर में कबाड़ी का काम करता है ,उसके ऊपर कुछ केस दर्ज हैं लेकिन बहुत से केस में न्यायालय से दोषमुक्त हो चुके हैं किंतु उसके बाद भी पुलिस और नगर पालिका द्वारा प्रताड़ित करते हुए उनके आजीविका दुकान के लाइसेंस को रद्द करने की प्रक्रिया बार-बार की जा रही है क्या सही है ? सोनू राठौर के द्वारा नगर पालिका में आवेदन देकर उनके आजीविका के साधन को बंद ना करने की मांग की गई है और उनकी मांग उनके परिवार और उनके साथ काम करने वाले लोगों की आजीविका को भी प्रभावित करती है । नगर पालिका को पुलिस प्रशासन के दबाव में सोनू राठौर के खिलाफ बार-बार नोटिस जारी करना अमानवीय व्यवहार है।

नगर पालिका जांजगीर का नोटिस
सोनू राठौर

झूठे केस में बार-बार इस तरह फंसा कर किसी की छवि खराब करना यह पुलिस प्रशासन के लिए सही नहीं है। पुलिस को लोगों का हक दिलाने के लिए कार्य करना चाहिए ना की किसी का हक मारने के लिए , किसी के व्यवसाय को बंद करने के लिए बार-बार उसे प्रताड़ित करना और नगरपालिका को कार्यवाही के लिए प्रेरित करना बहुत ही निंदनीय है।

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