छत्तीसगढ़ का राजगीत अधूरा ?? हसदेव नदी से जलती है कई प्रदेश की बिजली और चलती है विद्युत ईकाई…

जांजगीर चांपा 7 जुलाई 2023
कोरबा जिले के पास हसदेव अरण्य क्षेत्र से बनकर निकली नदी है हसदेव ,जो छत्तीसगढ़ की सबसे छोटी नदी है, इस नदी से कोरबा, जांजगीर चांपा और बिलासपुर तक के विद्युत संयंत्रों में पानी की सप्लाई होती है ,जिससे छत्तीसगढ़ और आसपास के कई प्रदेश में बिजली की सप्लाई होती है। ऐसे नदी का नाम छत्तीसगढ़ के राजगीत में ना होना जनप्रतिनिधियों और नेताओं द्वारा जीवनदायिनी हसदेव मैया का अपमान है।

पिछले साल 2022 से अब तक हसदेव अरण्य को बचाने की मुहिम भी शुरू हुई थी, जिसका उद्देश्य वहां के पेड़ो को कटने से बचाना तथा हसदेव नदी जो अनवरत बहती है उसमें पानी की कमी न होने देना था ।हसदेव क्षेत्र के पेड़ो की कटाई से वहां जो पानी जमा होता है वो धीरे धीरे समाप्त हो जाता, इसके लिए बिलासपुर, जांजगीर चांपा और आसपास के जनता ने अपना अमूल्य समर्थन देते हुए दोनों सरकारों से पेड़ो को काटना बंद करने का मांग किया था ।

छत्तीसगढ़ में बिजली की डिमांड उत्पादन से अधिक हो गई है, राज्य में कुल 3080 मेगा वॉट बिजली का उत्पादन होता है. इसमें से सर्वाधिक उत्पादन केवल कोरबा जिले में ही होता है.
एनटीपीसी सीपत को एसईसीएल के दीपका माइंस से कोयले की सप्लाई होती है, जबकि पानी की व्यवस्था हसदेव बराज से ही की जाती है। हसदेव नदी को सबसे छोटी नदी और पूरे प्रदेश की बिजली आपूर्ति के लिए पूरे साल पानी देने के कारण उसका हक देते हुए राजगीत में स्थान देना चाहिए।